झूठ बोलने वाले लड़के को मिला सबक हिंदी कहानी
एक बार, एक लड़का था जो रोज पहाड़ी पर भेड़ों को चराने जाता था। एक बार वह गाँव
की भेड़ों को चरते देखकर उभ गया था। इसलिए अपना मनोरंजन करने के लिए, वह जोर
जोर से चिल्लाने लगा, “भेड़िया आया! भेड़िया आया! भेड़िया भेड़ का पीछा कर रहा
है!”

जब ग्रामीणों ने लड़के की चीख सुनी, तो वे भेड़िये को भगाने के लिए पहाड़ी
पर दौड़ते हुए आए। लेकिन, जब वे वहां पहुंचे, तो उन्होंने कोई भेड़िया नहीं देखा।
उन सभी को बहुत गुस्सा आया, उनके गुस्से वाले चेहरों को देखकर लड़का खुश हो गया
और जोर जोर से हंसने लगा।
ग्रामीणों ने उस लड़के को चेतावनी दी, "जब
कोई भेड़िया नहीं है! तो भेड़िया भेड़िया मत चिल्लाओ", ऐसा कहकर सभी लोग गुस्से
में वापस पहाड़ी से लौट गए।
कुछ दिन बाद, चरवाहा लड़का अपने मनोरंजन
के लिए, एक बार फिर से चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ का पीछा कर रहा
है!” सभी ग्रामीण भेड़िये को भगाने के लिए एक बार फिर दौड़ते हुए पहाड़ी पर
आए।
जब उन्होंने देखा कि वहाँ कोई भेड़िया नहीं है, तो उन्होंने सख्ती
से कहा, जब वास्तव में कोई भेड़िया आये तभी चिल्लाया करो, बिना कारण यूँ चिल्लाकर
हमें परेशान मत किया करो। लेकिन वह लड़का गाँव वालों को परेशान देखकर मुस्कुराने
लगा और वे सभी लोग एक बार फिर पहाड़ी से नीचे उतारते हुए बड़बड़ाते हुए चले जा
रहे थे।
कुछ समय बाद में, एक बार लड़के ने एक असली भेड़िये के झुंड को
अपनी भेड़ों के पास आते हुए देखा। भेड़ियों के झुंड को देखकर वह घबरा गया। घबराए
हुए, वह अपने पैरों पर कूद गया और जितना जोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया,
"भेड़िया! भेड़िया!" लेकिन ग्रामीणों ने सोचा कि वह उन्हें फिर से बेवकूफ बना रहा
है, और इसलिए वे मदद के लिए नहीं आए। इस बार भेड़ियों के झुंड ने उसकी बहुत सारी
भेड़ों को खा लिया था।
सूर्यास्त के समय, ग्रामीण उस लड़के की तलाश में पहाड़ी पर गए , जो अभी
ताक अपनी भेड़ों के साथ वापस नहीं लौटा था। जब वे पहाड़ी पर पहुंचे, तो
उन्होंने उसे रोते हुए पाया।
लड़के ने कहा यहाँ वास्तव में एक
भेड़ियों का झुंड आया था, वे मेरी बहुत से भेड़ों को खा गए। मैं बहुत देर
तक चिल्लाया, 'भेड़िया आया भेड़िया आया लेकिन तुम लोग मुझे बचाने नहीं
आए।
तब एक बूढ़ा आदमी लड़के को सांत्वना देने उसके पास गया। और उससे कहा की
तुमने पहले कई बार झूठ बोलकर गाँव वालों को परेशान किया था। इसलिए गांव वालों
से सोचा की शायद तुम इस बार भी उनसे झूठ बोल रहे हो। इसलिए कोई भी गाँव
वाला तुम्हारी मदद के लिए नहीं आया। इसलिए एक बार हमेशा याद रखना की "झूठे पर
कोई विश्वास नहीं करता, भले ही वह सच ही क्यों न बोल रहा हो!"