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बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

एक रहस्यमयी ट्रेन की कहानी Mysterious Train story in Hindi

एक रहस्यमयी ट्रेन की कहानी Mysterious Train story in Hindi


14 जून 1911 को इटली के एक शहर रोम में एक ट्रेन कंपनी अपनी पहली ट्रेन जैनिटी की यात्रा के लिए 100 लोगों का चुनाव करती है। क्योंकि यह ट्रेन का पहला ट्रायल था, इसलिए कंपनी अपने प्रचार के लिए और ट्रेन के एक खूबसूरत सफर के लिए सभी यात्रियों की सुख सुविधाओं और खाने-पीने का इंतजाम भी करती है। इसके लिए ट्रेन में यात्रियों की देखभाल के लिए 6 कर्मचारी भी रखे जाते हैं, जो सफर के दौरान यात्रियों का ध्यान रखते हैं।


इस प्रकार ट्रेन में कुल 106 यात्री सवार होते हैं। सभी यात्रियों का वापसी का भी पूरा इंतजाम होता है। निर्धारित समय पर ट्रेन अपना सफर शुरू कर देती है। ट्रेन में एक इंजन के अलावा तीन डब्बे और होते हैं, जिनमें सभी यात्री सफर कर रहे होते हैं। ट्रेन चलते हुए इटली के खूबसूरत रास्तों से होकर गुजरती है, सभी यात्री खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हुए यात्रा कर रहे थे, सब कुछ निर्धारित तरीके से चल रहा था। लेकिन कुछ समय बाद ही उस ट्रेन के साथ कुछ ऐसा होता है, जिससे आज 100 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इटली के लोग हैरान है। 

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ट्रेन अपने निर्धारित रास्ते से आगे बढ़ ही रही होती है, ट्रेन के रास्ते में एक टनल आती है, जिसका नाम  लोम्बार्डी टनल था। यह टनल लगभग 1 किलोमीटर लंबी थी। यह टनल बहुत लंबे समय से इस्तेमाल की जा रही थी, इसलिए इस टनल से गुजरना ट्रेन के लिए कोई खास बात नहीं थी, यह ट्रेन के लिए एक आम रास्ता था। लेकिन इस बार यह ट्रेन टनल के एक सिरे से अंदर तो आती है, लेकिन इसके दूसरे सिरे से बाहर नहीं निकलती, वह ट्रेन इसी टनल के भीतर कहीं खो जाती है।    

 

इस घटना से इटली के सभी लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। एक दिन का समय बीत जाने के बाद भी उस 106 यात्रियों वाली ट्रेन का कहीं कोई अता-पता नहीं था। जब कंपनी वालों से ट्रेन के बारे में पूछा गया, तो उनके पास केवल यही जानकारी थी, की ट्रेन को आखिरी बार लोम्बार्डी टनल के अंदर जाते हुए देखा गया था। इसके अलावा उनके पास उस ट्रेन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।  

 

इसके बाद उस जैनिटी ट्रेन की खबर इटली के राष्ट्रीय अखबारों में छपने लगी, जिससे वहाँ की सरकारों को भी इस बारे में जानकारी मिली। सभी लोगों को इस बात का आश्चर्य हो रहा था, की केवल 1 किलोमीटर लंबी टनल में इतनी बड़ी ट्रेन 106 यात्रियों के साथ कैसे गायब हो सकती है। 

 

ट्रेन कंपनी को लगा कि शायद उस सुरंग में कोई विशाल गड्ढ़ा होगा, जिसमें वह ट्रेन गिर गई होगी, इस कारण वह ट्रेन सुरंग की दूसरी ओर से बाहर नहीं निकली। इसलिए कंपनी वालों ने एक एक्सपर्ट्स की टीम उस सुरंग में जांच करने के लिए भेजी। सभी एक्सपर्ट्स डरते डरते उस सुरंग में पहुंचे, क्योंकि इस घटना ने सभी के मन में खौफ भर दिया था। एक्सपर्ट्स की टीम ने उस टनल की बारीकी से जांच की, लेकिन उन्हें न तो टनल के भीतर कोई बड़ा गड्ढ़ा दिखाई दिया और ना ही उन्हें उस ट्रेन का कोई सुराग मिला। 

 

धीरे-धीरे समय बीतने के साथ उन 106 यात्रियों के साथ-साथ उस ट्रेन के मिलने की सभी संभावनाएं खत्म होने लगी थी। इससे देश की सरकार और उस ट्रेन कंपनी की बहुत बदनामी हो रही थी, लेकिन वह ट्रेन कंपनी और वहां की सरकार इस विषय में कुछ नहीं कर सकते थे। ट्रेन के लापता होने के कुछ समय बाद मेक्सिको में रहने वाले दो युवक इस बात का दावा करते हैं, कि वे दोनों भी उसी लापता ट्रेन की उस रहस्य्मयी यात्रा का हिस्सा थे, और उन 100 यात्रियों में शामिल थे।  

 

जब उन दोनों युवकों से पूछा गया कि वह इस ट्रेन हादसे में कैसे बच निकले थे, तो दोनो युवकों ने बताया की उस ट्रेन के टनल में दाखिल होने से पहले ही वे दोनों युवक उस ट्रेन से कूद गए थे। जब उनसे पूछा गया कि आप लोग क्यों कूद पड़े थे, तो उन्होंने जो बताया वह सुनकर सभी आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने बताया कि ट्रेन के सुरंग में दाखिल होने से पहले ही ट्रेन में एक घना काला धुआं भर गया था, और साथ ही अजीब अजीब सी भयानक आवाजें भी आने लगी थी। यह सब देखकर पूरी ट्रेन में दहशत फैल गई। 


ऐसी अजीब घटनाओं को देखकर ट्रेन के ड्राइवर ने भी ट्रेन के सुरंग में दाखिल होने से पहले ही ट्रेन को रोकने के लिए ब्रेक लगा दिए थे, इससे ट्रेन की रफ्तार कम हो गयी थी, और वे दोनों उस ट्रेन से कूद गए। लेकिन कूदने के दौरान उन दोनों को काफी चोटें आई, और वह कुछ दिनों तक वहीं बेहोश पड़े रहे, जिससे उन्हें कुछ भी पता नहीं चला कि आखिर उस ट्रेन के साथ क्या हुआ था।

 

उनके साथ की गई पूछताछ और जांच पड़ताल में सरकार को कुछ ऐसा मालूम नहीं चला, जिससे उस ट्रेन के बारे में कुछ सुराग मिल सके। क्योंकि उन दोनों की ही मानसिक हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी, इसलिए उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता था। इसके कुछ समय बाद एक और ऐसा दावा सामने आया, जिसने फिर से सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।  


यह दावा था मेक्सिको के एक डॉक्टर का। उसने बताया कि इस हादसे के अगले दिन कुल 104 लोग उसके पास इलाज कराने आए थे। वे सभी लोग मानसिक रूप से बीमार थे, डॉक्टर ने यह जानने की बहुत कोशिश की कि उन सभी लोगों के साथ हुआ क्या था। लेकिन उस डॉक्टर को कुछ भी समझ नहीं आया, क्योंकि वे सभी लोग बहुत अजीब हरकतें कर रहे थे।  

 

इस दावे पर इटली के लोग भरोसा नहीं कर पा रहे थे। लेकिन जैसा कि डॉक्टर ने कहा था कि कुल 104 लोग थे, और पहले दावा करने वाले दो युवकों को भी इसमें जोड़ दिया जाए, तो यात्रियों की संख्या पूरी 106 हो रही थी।  लेकिन अंत में इस दावे से कुछ भी हासिल नहीं हो रहा था। समय के साथ लोग भी इस हादसे को भूलने लगे थे। और सभी जांच एजेंसियों ने भी इस विषय में हार मान ली थी, और इसी के साथ यह ट्रेन हादसा एक गहरा राज बन कर रह गया था।   

 

लेकिन कुछ वर्षों बाद इस ट्रेन के बारे में कुछ ऐसी बातें सामने आई, जिनसे सभी लोग फिर से हैरान हो गए। जैसे कि इस ट्रेन को अलग-अलग समय पर अलग-अलग जगहों पर देखा जाने लगा। जिसमे रशिया, स्पेन, इटली, मेक्सिको और यूक्रेन के कुछ शहर शामिल थे। इस ट्रेन को देखने वाले सभी लोग ठीक वैसा ही हुलिया बता रहे थे, जैसा उस गुमशुदा ट्रेन का था। वही एक इंजन और तीन डब्बों वाली वह ट्रेन सभी को दिखाई देती थी, और गायब हो जाती थी। 


लोगों के इस दावे के बाद एक्सपर्ट्स ने यह निष्कर्ष निकाला, कि शायद वह ट्रेन सुरंग के भीतर किसी प्रकार की समय यात्रा में फस गई थी, और वह कभी सुरंग से बाहर निकली ही नहीं। इसलिए लोगों के द्वारा उस ट्रेन को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर देखा जा रहा था। इस प्रकार उस ट्रेन की मिस्ट्री कभी भी सुलझाई नहीं जा सकी, और आज भी वह ट्रेन हादसा इटली में एक बहुत बड़ा रहस्य बना हुआ है।

 

 

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