मंदिर को अपवित्र करने वालों को भगवान ने कैसे सजा दी सच्ची कहानी - Kahaniya

मंदिर को अपवित्र करने वालों को भगवान ने कैसे सजा दी सच्ची कहानी 

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कर्नाटक के मंगलुरु में भगवान कोरगज्जा का मंदिर है, भगवान कोरगज्जा को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। लोगों की भगवान कोरगज्जा में असीम आस्था है। शास्त्रों के अनुसार भगवान कोरगज्जा न्याय के देवता माने जाते हैं, वे तुरंत और सटीक न्याय देने के लिए जाने जाते हैं। इनके मंदिर में लोग न्याय की गुहार लगाते हैं तथा उन लोगों को बहुत शीघ्र ही भगवान कोरगज्जा के द्वार पर न्याय मिल जाता है। 


यह घटना जनवरी 2021 की एक सच्ची घटना है। भगवान कोरगज्जा के मंदिर की प्रसिद्धि को देख कुछ विधर्मी  लोग परेशान हो गए। उन्होंने लोगों की आस्था पर ठेस पहुंचाने के लिए मंदिर को अपवित्र करने की साजिश रची। उन्होंने कई बार मंदिर में आपत्तिजनक चीजें रख कर मंदिर को अपवित्र करने की कोशिश की। वे लोग सामान्य भक्तों की तरह मंदिर में आते और मंदिर परिसर में कहीं भी आपत्तिजनक चीज रख कर चले जाते। मंदिर में सीसीटीवी कैमरे ना होने के कारण उन लोगों की पहचान नहीं हो पाती। 

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आए दिन मंदिर परिसर में ऐसी चीजें देखकर, मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं का गुस्सा बढ़ने लगा, लेकिन सबूत न होने के कारण कोई कुछ नहीं कर पाता, तब मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु भगवान कोरगज्जा से ही विधर्मियों को सबक सिखाने की प्रार्थना करते। एक दिन उन विधर्मियों ने सारी हदें पार करते हुए मंदिर की दान पेटी में उपयोग किए हुए कंडोम डाल दिए। 

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यह देखकर मंदिर के पुजारी और श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूट गया। पुजारी ने इस बार पुलिस को बुलाया और दोषियों को पकड़ने के लिए शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मंदिर पहुंचकर अपनी ओर से सारी छानबीन कर ली, परंतु मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे नहीं होने के कारण पुलिस किसी भी दोषी को पकड़ने में नाकाम रही। तब मंदिर के पुजारी और श्रद्धालुओं ने आर्त भाव से भगवान कोरगज्जा से प्रार्थना की, की हे प्रभु अब तो अति हो चुकी है, अब तो आपको ही मंदिर को अपवित्र करने वाले उन विधर्मियों का न्याय करना होगा। 


भगवान ने भक्तों की पुकार सुन ली। दो दिन बाद दो मुस्लिम लड़के भगवान कोरगज्जा के मंदिर पहुंचे, वे दोनों रो-रो कर पुजारी से माफी मांगने लगे। पुजारी को लगा की वे दोनों मजाक कर रहे हैं, लेकिन जब वे दोनों बार-बार रो-रो कर माफी मांगने लगे, तो पुजारी ने उन दोनों की पूरी बात सुनी। फिर उन दोनों लड़कों ने जो कुछ बताया उसे सुनकर सबके होश उड़ गए। 


उन दोनों लड़कों ने बताया कि उनका नाम अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफीक है। उन दोनों का एक दोस्त था,  जिसका नाम नवाज था। नवाज और वे दोनों लड़के मिलकर बहुत दिनों से इस मंदिर को अपवित्र कर रहे थे और उन तीनों ने ही मिलकर मंदिर की दान पेटी में कंडोम डाले थे। इस घटना को अंजाम देने के बाद वे तीनों मंदिर से बाहर तो चले गए, लेकिन फिर उनके साथ अनहोनी घटनाएं घटित होने लगी। 

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अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफीक ने रोते-रोते बताया की जब उन्होंने यह काम किया, तो घर पहुंचने के बाद नवाज के व्यवहार में बदलाव आने लगा और उसे असहनीय पेट दर्द शुरू हुआ। कुछ ही घंटे में उसे खून के दस्त होने लगे, इसके बाद उसे खून की उल्टियां भी होने लगी। यहां तक तो फिर भी ठीक था, लेकिन इसके बाद जो हुआ उसे देखकर उन दोनों के दिलों में खौफ भर गया। 


उन्होंने देखा की नवाज अपने ही घर में रहस्यमय तरीके से एक विक्षिप्त की तरह दीवार पर बुरी तरह सर पटकने लगा, दीवार पर सर पटकते पटकते ही उसकी मृत्यु हो गई। मरने से पहले वह दिवार पर सर पटकते-पटकते ही उन दोनों से बोल रहा था, कि यह भगवान कोरगज्जा का प्रकोप है और भगवान कोरगज्जा उन तीनों से नाराज हैं, इतना कहने के बाद दिवार पर सर पटकते पटकते उसकी मृत्यु हो गयी। 


यह दृश्य देखकर उन दोनों की रूह काँप गई, अब केवल अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफीक ही जिंदा बचे थे, लेकिन भगवान कोरगज्जा का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था। अगले दिन अब्दुल रहीम को भी वही दिक्कत होने लगी, बिल्कुल वैसे ही जैसे नवाज को हुई थी। उसे भी पेट में भयंकर दर्द और खून के दस्त शुरू हो गए, यह देखकर वह दोनों और ज्यादा घबरा गए। 

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अपनी जान जाने के डर से अब वे दोनों मंदिर में पुजारी के पास क्षमा मांगने पहुंचते हैं, यह सब सुनकर पुजारी ने उसी समय पुलिस बुला ली। पुलिस के सामने उन दोनों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए खुद को पुलिस के हवाले कर दिया, और अपने लिए सख्त से सख्त सजा की माँग करने लगे। इस अनोखी घटना को देखकर सभी पुलिस वाले हैरान रह गए। पुलिस वालों ने उन दोनों पर सख्त धाराओं में केस दर्ज करके दोनों को कारागार में डाल दिया। यह घटना उस समय के टीवी चैनलों और अखबारों में प्रमुखता से दिखाई गयी। 


इस प्रकार भगवान कोरगज्जा ने अपने भक्तों की पुकार सुन ली। भगवान कोरगज्जा ने ऐसी स्थिति उत्पन्न की, जिससे मंदिर को अपवित्र करने वाले दोषियों को मंदिर में स्वयं आकर आत्मसमर्पण करना पड़ा। इस घटना के बाद लोगों के मन में भगवान कोरगज्जा के प्रति और अधिक श्रद्धा बढ़ गई। 

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