बीजिंग की रहस्यमयी बस 375: एक अनसुलझा रहस्य
चीन के बीजिंग शहर में अक्टूबर 1995 में घटी एक घटना को आज भी रहस्य और भय के रूप में याद किया जाता है। यह घटना "मिस्ट्री ऑफ बस 375" या "बीयू बुस्टॉप ट्रेजेडी" के नाम से प्रसिद्ध है। इस रहस्यमयी कहानी के साथ बहुत सारी अद्भुत और डरावनी कहानियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनकी सच्चाई की अब तक कोई ठोस पुष्टि नहीं हो पाई है। kahaniya
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घटना का प्रारंभ:
31 अक्टूबर, 1995 की रात, बीजिंग की सड़कों पर ठंड का मौसम था। बस संख्या 375 अपने निर्धारित समय पर युआनमिंगयुआन बस स्टेशन से मियाओफेंगशान टर्मिनल की ओर रवाना हुई। यह आखिरी रात की बस थी, और देर रात होने की वजह से इसमें बहुत कम लोग थे।
बस के अंदर शुरुआत में केवल ड्राइवर और एक कंडक्टर मौजूद थे। थोड़ी दूरी तय करने के बाद, तीन यात्री बस में चढ़े: एक बूढ़ी महिला, एक युवक, और एक वृद्ध व्यक्ति। kahaniya
विचित्रता की शुरुआत:
बस जब आगे बढ़ी, तो अगले स्टॉप पर कुछ और यात्रियों के चढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन तभी तीन अजीबोगरीब यात्री चढ़े। वे तीन पुरुष थे, लेकिन उनके कपड़े पुराने और बहुत ही अजीब दिख रहे थे। सबसे विचित्र बात यह थी कि उनका चेहरा बहुत ही पीला और भावहीन था, मानो उनमें कोई जीवन नहीं हो।
यह देखकर अन्य यात्री असहज हो गए, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। बस ड्राइवर ने भी ध्यान नहीं दिया और बस चलती रही। थोड़ी देर बाद बूढ़ी महिला ने अपने पास बैठे युवक से कहा कि उसे इस बस से उतरना चाहिए। युवक ने हैरानी से पूछा क्यों? महिला ने कहा कि वह सोचती है कि तीन नए यात्री असल में इंसान नहीं, बल्कि भूत हैं। युवक ने इसे शुरू में एक मजाक समझा, लेकिन महिला की गंभीरता देखकर वह थोड़ा डर गया और उसके साथ बस से उतर गया। kahaniya
बस का लापता होना:
बस से उतरने के बाद, महिला ने युवक को समझाया कि जब तीन अजीब यात्री चढ़े थे, तब उसने देखा कि उनके पैर ज़मीन को छू नहीं रहे थे। वह समझ गई थी कि कुछ गलत है।
अगले दिन सुबह, जब बीजिंग की पुलिस ने खोज की, तो उन्हें पता चला कि बस 375 अपने मार्ग से गायब हो चुकी है। बस का कोई अता-पता नहीं था।
रहस्यमयी खुलासा:
तीन दिन बाद, बस 375 को बीजिंग के बाहरी इलाके में एक जलाशय के पास पाया गया। बस पूरी तरह से जल चुकी थी, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि बस के अंदर मिले शवों की पहचान संभव नहीं थी। बस के अंदर से दो लोगों के अवशेष मिले, लेकिन वह किसके थे, यह पता नहीं चल पाया। इसके अलावा बस के ईंधन टैंक में पानी पाया गया, जो और भी रहस्यमयी था, क्योंकि बस का जलाशय से इतनी दूर तक जाना और फिर उसमें पानी का होना असंभव माना जाता था। kahaniya
विभिन्न सिद्धांत:
इस घटना के बाद से कई सिद्धांत और कहानियाँ प्रचलित हुईं। कुछ लोगों का मानना था कि वह बस भूतिया यात्रियों से भरी हुई थी, जो सीधे दूसरे लोक से आए थे। जबकि कुछ अन्य इसे एक षड्यंत्र मानते थे, और इस घटना के पीछे किसी बड़े अपराध या दुर्घटना की संभावना देखते थे।
इस रहस्यमयी बस यात्रा के बारे में बीजिंग के लोगों के बीच अभी भी चर्चा होती है, और यह घटना चीन के महानगरों की सबसे डरावनी और अनसुलझी कहानियों में से एक बन चुकी है।
निष्कर्ष:
बस 375 की यह रहस्यमयी यात्रा एक ऐसी घटना है जो समय के साथ एक भूतिया किस्से में तब्दील हो चुकी है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि कभी-कभी दुनिया के सामने कुछ ऐसे रहस्य होते हैं जिनकी सच्चाई कभी उजागर नहीं हो पाती। kahaniya
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